
डीएम साहिबा ने रक्तदान कर बचाई बच्ची की जान
दरअसल मध्य प्रदेश के अशोकनगर की कलेक्टर औचक निरीक्षण पर निकले
तभी अस्पताल के औचक निरीक्षण में एक रोती बिलखती मां इनके पास पहुंची
और अपनी बच्ची के लिए खून की जरूरत बताते हुए इन से ब्लड डोनेशन की
मांग की डीएम साहिबा ने उसकी बात को तुरंत संज्ञान में लिया और उस डेढ़
साल की बच्ची के लिए रक्तदान किया और मानवता की और जिम्मेदारी की अनोखी मिसाल पेश की यह महज इत्तेफाक था कि जिस वक्त बच्ची को खून की जरूरत थी उमा महेश्वरी वहां मौजूद थी इसी के चलते यह मुमकिन हो पाया और बच्ची की जान बचाई जा सके पूमा महेश्वरी की यह कोशिश है कि किसी भी बच्ची की जान ब्लड की कमी की वजह से ना जाए इसके लिए उन्होंने अस्पताल की कमियों को दूर करने के लिए एक प्लान तैयार किया है उन्होंने कहा है कि अस्पताल की हर कमी को दूर किया जाएगा साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाएगा उमा महेश्वरी की इस दरियादिली को देखकर सिस्टम पर आम जनता को भरोसा करने का मौका मिलता है अगर सही ढंग से सभी प्रशासनिक अधिकारी काम करें तो जनता की समस्याओं को दूर करना बहुत आसान हो जाएगा और किसी बच्ची को बचाने के लिए डीएम साहिबा को स्वयं ब्लड डोनेट करने की जरूरत नहीं होगी।