
दीपावली में तमिलनाडु की अनोखी प्रथा गोबर से लोग खेलते हैं होली
भारत के तमिलनाडु के निवासी हर साल दीपावली के बाद एक विशेष उत्सव का आनंद लेते हैं
जिसमें वे एक दूसरे पर गाय का गोबर फेंकते हैं। इस त्योहार को स्थानीय रूप में ‘गोरईहब्बा’
(गोर उत्सव) के रूप में जाना जाता है साथ ही आपको बता दें की इस ‘गोरईहब्बा’ उत्सव की विशेषता यह है कि ग्रामीण सभी पशुपालकों से गोबर एकत्र करके एक दूसरे पर फेंकते हैं। आपको बता दें की यह उत्सव हर साल दीपावली बालीपद्यमी के अगले दिन आयोजित किया जाता है। हजारों लोग इस उत्सव का आनंद लेने आते हैं। वहीँ ग्रामीण गुमतापुरम में और उसके आसपास गोबर इकट्ठा करते हैं और फिर उत्सव के लिए बीरेश्वर मंदिर के पास इसे ढेर कर देते हैं। इस पर्व का सौ साल पुराना इतिहास है।आप वीडियो में देख सकते हैं की किस तरह ये लोग सिर से पाँव तक गोबर में सराबोर हैं। और जैसे लोग होली पर एक दूसरे पर रंग फेंकते हैं उसी तरह ये लोग भी गोबर से खेल रहे हैं और आनंद ले रहे हैं। ऐसा मानते हैं की इसे एकता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस त्याेहार काे मना रहे स्थानीय युवक मंजूनाथ ने कहा कि हम हर साल एक परंपरा के रूप में इस त्योहार काे मनाते आ रहे हैं। हम बिना किसी जातिगत भेदभाव के इस दिन जश्न मनाते हैं। यह उत्सव सह-अस्तित्व का प्रतीक है।