
‘भुतहा’ के रूप में चर्चित है “मालचा महल” शाही और नवाबी की निशानी है यह महल
मालचा महल एक बहुत ही डरावनी जगह है जो नवाब खानदान की गुमनामी की सच है। दिल्ली के जंगलो में बीच में बसा एक महल है मालचा महल। यह महल आज की तारीख में एक लावारिस खंडर है और एक समय पर इस खंडर के भीतर एक जिंदगी जो शाही और नवाबी की निशानी थी वह अपने खंडर होने का बोझ लगातार ढोती रही है और एक ही झटके में वह जिंदगी खत्म भी हो गई।
मालचा महल दिल्ली के उन जगहों में से एक है जहाँ लोग आज भी जाने से पहले कई बार सोचते है। और बाकि लोग वहाँ न जाने की चेताबनी देती है। मालचा महल का इतिहास 700 साल पहले शुरू होता है। इसे फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ द्वारा बनाया गया था। इसे बनाने के पीछे सिर्फ एक ही मकसत था और वह यह की वह शिकार के समय यहाँ रहने के लिए आते थे। लेकिन पिछले कई दशकों से यहाँ अवध के नवाब वाजिद अली की परपोती बेगम विलायत महल अपने बेटे साइरस राजा महल और अपनी बेटी सकीना महल के साथ रहती थी।