कानपुर

ख़िदमत-ए-हिंद फ़ाउंडेशन की जानिब से जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर शानदार लंगर व नियाज़ का इंतज़ाम

जुलूस के समापन के बाद ख़िदमत-ए-हिंद फ़ाउंडेशन (KHF) की जानिब से शानदार लंगर और नियाज़ का इंतज़ाम किया गया। इसमें बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों और महिलाओं तक ने शिरकत की। मोहब्बत और भाईचारे का यह मंज़र हर दिल को छू लेने वाला था।

Kanpur Desk; मछरिया (कानपुर) में जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जश्न बड़े ही अकीदत, जज़्बे और मोहब्बत के साथ मनाया गया। इस मौक़े पर जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया, जिसमें बड़ी तादाद में अकीदतमंद शरीक हुए। “नारे-तकबीर” और “नारे-रिसालत” की सदाओं से पूरा इलाक़ा गूंज उठा और माहौल रूहानी नज़ारा पेश करता नज़र आया।

जुलूस के समापन के बाद ख़िदमत-ए-हिंद फ़ाउंडेशन (KHF) की जानिब से शानदार लंगर और नियाज़ का इंतज़ाम किया गया। इसमें बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों और महिलाओं तक ने शिरकत की। मोहब्बत और भाईचारे का यह मंज़र हर दिल को छू लेने वाला था।

कार्यक्रम को कामयाब बनाने में स्थानीय युवाओं—अहसान हुसैन, मोहम्मद माज़, लारैब अंसारी, मोहम्मद शादाब शाह, मोहम्मद रुम्मान, मोहम्मद ज़ैद, सैम, अज़म, असद, फ़ैज़, फ़ैज़ान अली, रुबेद, फ़ैज़ान मंडी, फ़रमान अली, उस्मान, मोहम्मद साहिल, अशर, फ़हद, सिराज, कैफ़ और आदिल जमा—का ख़ास योगदान रहा।

फ़ाउंडेशन के ज़िम्मेदारों ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी का मक़सद सिर्फ़ जश्न मनाना ही नहीं, बल्कि पैग़म्बर-ए-इस्लाम की सीरत और उनकी तालीमात को अपनी ज़िंदगी में उतारना है। यही इंसानियत, अमन और मोहब्बत का असली पैग़ाम है।

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