
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सुरक्षा घेरा तोड़ने और उनके कालीघाट स्थित आवास के परिसर में घुसने के मामले की जांच कर रही पुलिस अब आरोपी हाफिजुल मुल्ला की के गेट पैटर्न की मैचिंग करेगी. गौरतलब है कि मुल्ला कथित तौर पर 3 जुलाई को शर्ट के अंदर लोहे की रॉड के साथ गिरफ्तार किया गया था.
क्या है गेट पैटर्न मैचिंग?
गेट-पैटर्न मैचिंग एक फोरेंसिक टूल है जिसके द्वारा सीसीटीवी कैमरों में कैद फुटेज पर एक संदिग्ध की पहचान की जा सकती है. फोरेंसिक विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, “अगर सही तरीके से विश्लेषण किया जाए तो गेट पैटर्न एक संदिग्ध के बारे में बहुत सारी जानकारी देता है. यह उस स्पीड को समझने में मदद करता है जिसके साथ संदिग्ध चलता है, जैसे उसके जूते और चलने का पैटर्न अगर उसे कोई बीमारी है (उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति लंगड़ा कर चलता है या कोई अन्य शारीरिक अक्षमता है). ”
कोर्ट ने पुलिस को गेट-पैटर्न मैचिंग की दी मंजूरी
बता दें कि जेल के अंदर गेट-पैटर्न मिलान कराने की पुलिस की अपील को अदालत ने मंजूरी दे दी है. मुल्ला के मामले में, पुलिस ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के आवास के आसपास से कैद सीसीटीवी फुटेज की एक सीरीज से उसकी पहचान करना चाहते हैं.
ममता बनर्जी के आवास के पास कई बार देखा गया आरोपी
एक अधिरकारी ने कहा कि, “आरोपी को कथित तौर पर कई बार ममता बनर्जी के आवास के पास देखा गया था. अगर हमें कई मौकों पर पड़ोस में मुल्ला की मौजूदगी का पता चलता है, तो यह संदेह करने का कारण होगा कि उसका इरादा इलाके की रेकी करने का था. इससे हमें उस व्यक्ति की पहचान का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिसकी योजना को अंजाम देने के लिए उसने मिलने की प्लानिंग की थी.”