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दिल्ली सरकार ने बताया नई शराब नीति वापस लेने के पीछे की वजह, बीजेपी पर लगाए ये बड़े आरोप

दिल्ली सरकार ने बताया नई शराब नीति वापस लेने के पीछे की वजह, बीजेपी पर लगाए ये बड़े आरोप

दिल्ली में नई आबकारी नीति वापस लेने के पीछे दिल्ली सरकार ने तर्क दिए हैं. सरकार ने बताया है कि नई नीति को क्यों वापस लिया गया. दिल्ली सरकार ने कहा है कि अफसरों और दुकानदारों को ED और CBI की धमकियां मिल रही हैं. इसकी वजह से कई दुकान वाले दुकानें छोड़कर चले गए. ED और CBI की धमकी देकर सारे अफसरों को भी डराया जा रहा है. कोई अधिकारी खाली हो रही दुकानों की दोबारा नीलामी करने को तैयार नहीं हो रहा है. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि गुजरात की तरह दिल्ली में भी बीजेपी नकली शराब बेचना चाहती है. इसलिए दिल्ली में अब सरकारी दुकानों से शराब बेचने का फैसला लिया गया है.

दिल्ली सरकार का यू-टर्न

बता दें कि नई शराब नीति पर दिल्ली सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. दिल्ली में अब एक अगस्त से फिर से पुरानी व्यवस्था लागू की जाएगी. अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा पिछले साल नई आबकारी नीति लागू की गई थी. दिल्ली के उप राज्यपाल ने नई आबकारी नीति को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई जांच के बाद पुरानी आबकारी नीति को फिर से बहाल करने का फैसला लिया गया है. इस नीति को लेकर काफी विवाद हो रहा था.

क्या थी नई नीति

दिल्ली में नई आबकारी नीति के तहत निजी संचालकों को ओपन टेंडर के माध्यम से शराब बेचने के लिए लाइसेंस जारी किए गए थे. नई नीति में शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा 25 वर्ष से घटकर 21 वर्ष कर दी गई थी. दुकानें बाजार मूल्य के हिसाब से शराब की कीमतें तय कर रही थीं. दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति से सरकार की कमाई बढ़ेगी. नई नीति को लेकर बीजेपी लगातार केजरीवाल सरकार पर हमलावर थी. बीजेपी ने इसे लेकर कई तरह के आरोप लगाए थे.

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