
पात्रा चॉल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हिरासत में लिए गए शिवसेना नेता संजय राउत को कोर्ट ने 4 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. ईडी ने संजय राउत की 8 दिन की हिरासत मांगी थी. ईडी ने बीते दिन संजय राउत के मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की थी और करीब 9 घंटे की पूछताछ के बाद शिवसेना नेता को हिरासत में लिया था.
आज कोर्ट में संजय राउत की तरफ से अशोक मुंदरगी और ईडी की तरफ से हितेन वेनेगावकर ने जिरह की. कोर्ट में ईडी के वकील ने तर्क दिया कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक प्रवीण राउत ने एक पैसा भी निवेश नहीं किया. उन्हें 112 करोड़ रुपये मिले. जांच से पता चलता है कि संजय और वर्षा राउत के खाते में 1.6 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. राउत और उनका परिवार 1.6 करोड़ रुपये के लाभार्थी थे.
ईडी के वकील एड हितेन वेनेगावकर ने अदालत को बताया कि जांच से पता चला है कि उस पैसे (1.6 करोड़ रुपये) में से अलीबाग के किहिम बीच पर जमीनी खरीदी गई थी. एक प्लॉट सपना पाटकर के नाम पर लिया गया था. जांच में यह भी पता चला कि प्रवीण राउत संजय राउत का फ्रंट मैन था. संजय राउत को 4 बार तलब किया गया, लेकिन वह सिर्फ एक बार एजेंसी के सामने पेश हुए. इस दौरान संजय राउत ने सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को धमकाने की कोशिश की. संजय राउत और उनके परिवार को सीधा फायदा मिला है. राउत परिवार ने मनी लॉन्ड्रिंग की है.
संजय राउत के वकील अशोक मुंदरगी ने कोर्ट से कहा कि संजय राउत की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. वह दिल से जुड़ी बीमारी के मरीज हैं. उनकी सर्जरी भी हुई थी. इससे जुड़े कागजात कोर्ट के सामने पेश किए गए हैं.